जैसे-जैसे 2024 पेरिस ओलंपिक नजदीक आ रहा है, भारतीय जिमनास्ट वैश्विक मंच पर ऐतिहासिक सफलता की तलाश में अपनी सीमाओं को आगे बढ़ा रहे हैं। ओलंपिक पोडियम पर अपनी नज़रें गड़ाए ये एथलीट सपनों को हकीकत में बदलने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं, जो जिमनास्टिक की दुनिया में भारत के उदय को चिह्नित करता है।
दीपा करमाकर: पायनियर की वापसी
दीपा करमाकर, जिन्होंने रियो 2016 में पोडियम फिनिश के करीब पहुंचकर देश की कल्पना पर कब्जा कर लिया था, नए दृढ़ संकल्प के साथ वापस आ गई हैं। अपने साहसी प्रोडुनोवा वॉल्ट के लिए जानी जाने वाली करमाकर अपने रूटीन को बेहतर बनाने के लिए सावधानीपूर्वक प्रशिक्षण ले रही हैं। चोटों पर काबू पाने के बाद उनका लचीलापन ओलंपिक पदक जीतने के लिए उनकी अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
प्रणति नायक: उभरता सितारा
एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य पदक विजेता प्रणति नायक पेरिस 2024 के लिए एक प्रमुख दावेदार के रूप में उभर रही हैं। वॉल्ट और फ़्लोर एक्सरसाइज़ दोनों में उनके लगातार प्रदर्शन और सुधार ने उन्हें देखने लायक बना दिया है। नायक का ध्यान और समर्पण उसे ओलंपिक पदक के अंतिम लक्ष्य की ओर ले जा रहा है।
योगेश्वर सिंह: अपनी पहचान बनाना
योगेश्वर सिंह, एक प्रतिभाशाली पुरुष जिमनास्ट, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में मजबूत प्रदर्शन के साथ लगातार रैंक में आगे बढ़ रहे हैं। कई उपकरणों में उनकी बहुमुखी प्रतिभा उन्हें ऑल-अराउंड श्रेणी में बढ़त दिलाती है। पेरिस के लिए सिंह की तैयारी गहन प्रशिक्षण और विश्व मंच पर उत्कृष्टता हासिल करने की इच्छा से चिह्नित है।
ये जिमनास्ट केवल भागीदारी के लिए लक्ष्य नहीं बना रहे हैं, बल्कि भारत के लिए पहला ओलंपिक जिम्नास्टिक पदक हासिल करने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं। पेरिस 2024 तक की उनकी यात्रा उनकी कड़ी मेहनत, जुनून और अपने खेल में अंतिम सीमा हासिल करने के सपने का प्रमाण है।