भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने चुनावी बांड की खरीद और नकदीकरण का विवरण देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर करके अपने कानूनी दायित्वों को पूरा किया है। यह अनुपालन सुप्रीम कोर्ट के उस निर्देश के बाद आया है, जिसमें राजनीतिक फंडिंग में पारदर्शिता पर जोर दिया गया है।
चुनाव आयोग को प्रस्तुत विवरण:
एसबीआई ने अपने चेयरमैन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल किया, जिसमें विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा खरीदे गए 22,217 चुनावी बांड और भुनाए गए 22,030 चुनावी बांड के बारे में जानकारी का खुलासा किया गया। व्यापक रिपोर्ट में खरीद की तारीखें, खरीददारों के नाम और चुनावी बांड का मूल्य, साथ ही मोचन विवरण, राजनीतिक दल प्राप्तकर्ता और भुनाए गए बांड का मूल्य शामिल है।
ऐतिहासिक संदर्भ:
चुनावी बांड प्रणाली मार्च 2018 में शुरू की गई थी, उसी महीने पहली बिक्री हुई थी। तब से, एसबीआई ने 30 किश्तों में 16,518 करोड़ रुपये के चुनावी बांड जारी किए हैं।
शपथ पत्र की मुख्य बातें:
सुप्रीम कोर्ट को सौंपे गए एसबीआई के हलफनामे में 15 मार्च, 2024 तक खरीदे और भुनाए गए 3,346 चुनावी बांड का विवरण शामिल है। डेटा से पता चलता है कि 1 अप्रैल, 2019 से उसी वर्ष 11 अप्रैल तक, कुल 3,346 बांड खरीदे गए थे। बाद में उनमें से 1,609 को भुना लिया गया। इसके अलावा, 12 अप्रैल 2019 से 15 फरवरी तक कुल 22,217 चुनावी बांड खरीदे गए, जिनमें से 20,421 भुनाए गए।
न्यायालय का आदेश और अनुपालन:
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 12 मार्च को बैंक ने चुनाव आयोग को चुनावी बांड का विवरण सौंप दिया। शीर्ष अदालत ने एसबीआई को 12 मार्च को कामकाजी घंटों के अंत तक यह जानकारी प्रदान करने का निर्देश दिया, और अनुपालन हलफनामा अब दायर किया गया है।
चुनाव आयोग की भूमिका:
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार, चुनाव आयोग 15 मार्च को शाम 5 बजे तक अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर साझा की गई जानकारी अपलोड करने के लिए तैयार है। यह कदम चुनावी फंडिंग प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार, एसबीआई द्वारा चुनावी बांड विवरण प्रस्तुत करना, राजनीतिक वित्तपोषण में पारदर्शिता के महत्व को रेखांकित करता है। चुनाव आयोग द्वारा अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर इस जानकारी को अपलोड किया जाना चुनावी प्रणाली में खुलेपन के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
इस लेख का उद्देश्य चुनावी बांड के आसपास के हालिया घटनाक्रम और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करने के लिए एसबीआई और चुनाव आयोग द्वारा की गई कार्रवाइयों का व्यापक अवलोकन प्रदान करना है।