2016 में, सौरभ राजपूत और मुस्कान रस्तोगी ने प्रेम विवाह किया था। शुरुआती दिनों में उनका जीवन सुखमय था, लेकिन समय के साथ उनके रिश्ते में दरारें आने लगीं। सौरभ ने मर्चेंट नेवी की नौकरी छोड़ दी ताकि वह अपनी पत्नी के साथ अधिक समय बिता सके, लेकिन यह निर्णय उनके परिवार को पसंद नहीं आया, जिससे परिवार में तनाव बढ़ गया। इस तनाव के कारण सौरभ और मुस्कान ने अलग घर ले लिया। 2019 में, उनकी एक बेटी का जन्म हुआ, लेकिन इसके बाद भी उनके रिश्ते में सुधार नहीं हुआ।
प्रेमी के साथ साजिश: हत्या की योजना
जांच में पता चला कि मुस्कान रस्तोगी का अपने पुराने मित्र साहिल शुक्ला के साथ प्रेम संबंध था। दोनों ने मिलकर सौरभ राजपूत की हत्या की योजना बनाई। 4 मार्च 2025 को, मुस्कान ने सौरभ के खाने में नशीला पदार्थ मिलाया, जिससे वह बेहोश हो गया। इसके बाद, साहिल ने सौरभ की चाकू से हत्या की, और दोनों ने मिलकर उसके शरीर के 15 टुकड़े किए। इन टुकड़ों को एक प्लास्टिक के ड्रम में डालकर सीमेंट से भर दिया गया, ताकि शव की पहचान न हो सके।
हत्या के बाद की गतिविधियाँ: भ्रम और छुट्टियाँ
हत्या के बाद, मुस्कान और साहिल ने सामान्य जीवन जीने का नाटक किया। उन्होंने सौरभ के परिवार को गुमराह करने के लिए उसके फोन से संदेश भेजे, जिससे ऐसा लगे कि सौरभ जीवित है। इसके अलावा, दोनों ने हिमाचल प्रदेश के मनाली में छुट्टियाँ बिताईं और मुस्कान ने सौरभ के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर अपनी तस्वीरें पोस्ट कीं, ताकि किसी को शक न हो।
पुलिस जांच और गिरफ्तारी: सच्चाई का खुलासा
सौरभ के परिवार ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की। जांच के दौरान, पुलिस को मुस्कान के घर से बदबू आने की सूचना मिली। जब पुलिस ने घर की तलाशी ली, तो उन्हें सीमेंट से भरा ड्रम मिला, जिसमें सौरभ के शरीर के टुकड़े थे। पूछताछ में, मुस्कान और साहिल ने हत्या की बात कबूल की, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
कानूनी कार्रवाई और समाज की प्रतिक्रिया
गिरफ्तारी के बाद, मुस्कान और साहिल को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। अदालत परिसर के बाहर, वकीलों ने दोनों पर हमला किया, जिससे पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। यह घटना समाज में आक्रोश का कारण बनी, और लोग इस क्रूर हत्या की कड़ी निंदा कर रहे हैं।
निष्कर्ष: एक दर्दनाक अंत
यह घटना दिखाती है कि कैसे विश्वासघात और लालच ने एक परिवार को बर्बाद कर दिया। सौरभ राजपूत की हत्या ने समाज को झकझोर कर रख दिया है, और यह हमें सोचने पर मजबूर करती है कि रिश्तों में ईमानदारी और विश्वास कितना महत्वपूर्ण है। इस घटना ने यह भी स्पष्ट किया कि अपराध कितना भी छुपाया जाए, सच्चाई सामने आ ही जाती है, और अपराधियों को उनके कृत्यों की सजा मिलती है।